संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के महानायक – डॉ. भीमराव अंबेडकर।"
बचपन के संघर्ष
14 अप्रैल 1891 को महार परिवार में जन्मे अंबेडकर को 'अछूत' होने के कारण भेदभाव सहना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
छोटी उम्र में पूर्वाग्रह का सामना
स्कूल में अंबेडकर को अन्य छात्रों के साथ बैठने या पानी पीने की अनुमति नहीं थी। फिर भी, उन्होंने पढ़ाई में उत्कृष्टता पाई।
साहू महाराज की मदद
साहू महाराज ने उनकी शिक्षा का खर्च उठाया और 'मूकनायक' अखबार शुरू करने में मदद की।
एक विद्वान का निर्माण
अंबेडकर ने कोलंबिया और लंदन में शिक्षा ली और न्याय और समानता पर गहन अध्ययन किया।
छुआछूत के खिलाफ लड़ाई
अंबेडकर ने छुआछूत के खिलाफ आंदोलन किए और दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
भारतीय संविधान के निर्माता
1947 में, अंबेडकर ने भारत का संविधान तैयार किया, जिसमें समानता और न्याय की गारंटी दी।
विरोध और इस्तीफा
सामाजिक न्याय की अनदेखी के कारण 1951 में उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया।
सच की कीमत
1952 में चुनावी धांधली ने उनके राजनीतिक सफर को झटका दिया, लेकिन उनकी विरासत अमर रही।
अमर प्रेरणा
अंबेडकर का 'शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो' मंत्र आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
बाबासाहेब अंबेडकर को नमन
बाबासाहेब ने अपना जीवन समानता और न्याय के लिए समर्पित किया। उनका सपना हमारा कर्तव्य है।