दिमागी क्षमता में सुधार
उल्टा चलने से याददाश्त, एकाग्रता और सोचने की क्षमता बढ़ती है और दिमाग के दोनों हिस्सों का संतुलन बेहतर होता है।
तनाव कम करना
उल्टा चलने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का उत्पादन होता है जो तनाव को कम करने में मदद करता है।
आसन में सुधार
उल्टा चलने से आसन में सुधार होता है और पीठ दर्द से राहत मिलती है। यह पीठ और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद करता है।
संतुलन और समन्वय में सुधार
यह शरीर के संतुलन और समन्वय को बढ़ाता है जिससे गिरने का खतरा कम होता है।
पैरों की मांसपेशियों को मजबूती
उल्टा चलने से पैरों की मांसपेशियां, पिंडलियां और जांघों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
घुटनों के दर्द से राहत
उल्टा चलने से घुटनों पर कम दबाव पड़ता है जिससे घुटनों के दर्द से राहत मिलती है।
रक्त संचारण में सुधार
यह रक्त संचारण को बेहतर बनाता है जिससे दिल की सेहत अच्छी रहती है।
वजन कम करने में मदद
उल्टा चलने से कैलोरी अधिक मात्रा में खर्च होती है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
दिमागी सेहत के लिए फायदेमंद
यह दिमाग को सक्रिय रखता है और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।