आभार जताना: रोज अपने मन की 3 सकारात्मक बातों का आभार सुबह और रात में लिखें इसे आपका मन संतुष्ट रहता है।
सकारात्मक पुष्टि: खुद से सकारात्मक बातें कहें इन बातों को रोज़ाना दोहराने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
ध्यान और प्राणायाम: 10-15 मिनट रोज ध्यान और गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है और मन में शांति बनी रहती है।
रचनात्मकता का अभ्यास: ड्राइंग, पेंटिंग, लेखन या संगीत में समय बिताने से यह मन को तरोताजा रखता है और नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं: ऐसे लोगों के साथ रहें जो आपका हौसला बढ़ाते हैं और प्रेरणा देते हैं इससे नकारात्मकता दूर होती है।
सेवा और दान: दूसरों की मदद करना और छोटी-छोटी खुशियाँ बांटना दिल को सुकून देता है और ख़ुशी मिलती है।
प्रकृति से जुड़े रहें: पार्क में टहलें, बगीचे में समय बिताएं या पहाड़ों का आनंद लें प्रकृति से जुड़कर मन खुश और शांत रहता है।
आत्मचिंतन: दिन के अंत में 10 मिनट बिताकर सोचें कि आपने क्या अच्छा किया और क्या सीख सकते हैं यह आदत आत्म-विकास में मदद करेगी।